डीलर कितना कमाता हैं एक महीने में, डीलर की कितनी कमाई होती है

हमारे देश में राशन वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबों और जरूरतमंद लोगों तक खाद्यान्न पहुंचाने का कार्य मुख्य रूप से डीलर के माध्यम से किया जाता है। डीलर वह व्यक्ति होता है जो सरकार द्वारा निर्धारित राशन की दुकान से अनाज और अन्य जरूरी वस्तुएं लोगों तक पहुंचाता है।

डीलर की सैलरी और कमीशन कैसे निर्धारित होते हैं?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि डीलर की कोई निश्चित सैलरी नहीं होती। कई लोगों के मन में यह सवाल होता है कि डीलर की सैलरी कितनी होती है। कुछ लोग कहते हैं कि उनकी सैलरी ₹45,000 तक होती है जबकि असलियत में डीलर को एक निश्चित सैलरी नहीं मिलती बल्कि उनके द्वारा वितरित किए गए अनाज की मात्रा पर आधारित कमीशन मिलता है।

राशन पर मिलने वाला कमीशन

डीलर को हर राज्य में अलग-अलग कमीशन मिलता है। यह कमीशन राशन की मात्रा पर निर्भर करता है। उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश में डीलर को हर किलो अनाज पर 90 पैसे कमीशन मिलता है जबकि बिहार में यह कमीशन लगभग 80 पैसे प्रति किलो होता है।

यह कमीशन अनाज की मात्रा के हिसाब से बदलता रहता है। अगर एक डीलर महीने में 100 क्विंटल राशन बांटता है तो उसे 100 क्विंटल के हिसाब से कमीशन दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश में 100 किलो अनाज बांटने पर डीलर को ₹90 का कमीशन मिलेगा और बिहार में ₹80 का।

डीलर की कमाई का गणित

डीलर की कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि उसके गांव में कितनी यूनिट्स (परिवार) हैं। जितने ज्यादा यूनिट्स होंगे उतना ज्यादा राशन उसे बांटना होगा और उतना ही ज्यादा कमीशन मिलेगा। उदाहरण के लिए अगर किसी गांव में 1000 यूनिट्स हैं और प्रत्येक यूनिट को 5 किलो राशन मिलता है तो उसे 5000 किलो राशन वितरित करना होगा।

अब अगर उत्तर प्रदेश का डीलर 5000 किलो राशन बांटता है तो उसे ₹4500 का कमीशन मिलेगा। इसी तरह अगर बिहार में 5000 किलो राशन बांटा जाता है तो वहां के डीलर को ₹4000 का कमीशन मिलेगा।

डीलर की सैलरी फिक्स क्यों नहीं होती?

यह सवाल काफी अहम है कि डीलर की सैलरी फिक्स क्यों नहीं होती। इसका मुख्य कारण यह है कि डीलर का काम पूरी तरह से उसके द्वारा वितरित किए जाने वाले राशन की मात्रा पर निर्भर करता है। जितना ज्यादा राशन वितरण होगा उतनी ज्यादा कमाई होगी। इसीलिए सरकार ने कोई निश्चित सैलरी नहीं रखी है।

कैसे चेक करें कि डीलर कितना राशन बांट रहा है?

अब सवाल उठता है कि लोग कैसे जान सकते हैं कि उनके गांव के डीलर ने कितना राशन बांटा है और उसकी कमाई कितनी हो रही है। इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल्स और मोबाइल ऐप्स बनाए हैं जहां से कोई भी व्यक्ति यह जानकारी प्राप्त कर सकता है।

राशन की जानकारी कैसे प्राप्त करें?

गूगल पर जाएं: सबसे पहले अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर गूगल खोलें और उसमें ‘राशन कार्ड स्टेटस’ या ‘राशन डीलर कमीशन’ सर्च करें।

सरकारी वेबसाइट चुनें: आपको जो वेबसाइट दिखाई देगी उसे खोलें। जैसे कि ‘एनएसएफ’ वेबसाइट।

जिला और ब्लॉक का चयन करें: इसके बाद आपको अपना जिला और ब्लॉक चुनना होगा। जैसे कि आप उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में रहते हैं तो देवरिया चुनें।

ग्राम सभा का चयन करें: ब्लॉक का चयन करने के बाद अपनी ग्राम सभा का नाम चुनें। इससे संबंधित डीलर की सारी जानकारी आपके सामने आ जाएगी।

डीलर की कमाई का उदाहरण

मान लीजिए कि सुंदरपुर गांव के डीलर के पास 393 राशन कार्ड धारक हैं और 1345 यूनिट्स हैं। प्रत्येक यूनिट को 5 किलो राशन दिया जाता है। इस हिसाब से कुल राशन 6700 किलो आता है। अब अगर 6700 किलो राशन का वितरण होता है तो उत्तर प्रदेश में 90 पैसे प्रति किलो के हिसाब से डीलर को लगभग ₹6030 कमीशन मिलेगा।

दूसरी तरफ अंतोदय योजना के तहत कुछ परिवारों को प्रति यूनिट 35 किलो राशन मिलता है। यदि सुंदरपुर में 78 अंतोदय कार्ड हैं और 324 यूनिट्स हैं तो कुल राशन 24 क्विंटल (2485 किलो) आएगा।

अब डीलर को कुल कमीशन की गणना इस तरह से की जा सकती है:

6700 किलो + 2485 किलो = 9185 किलो राशन

कमीशन: 9185 किलो * ₹0.90 = ₹8266.5 प्रति माह

यदि सरकार द्वारा दो बार राशन वितरण किया जाता है तो यह कमाई दोगुनी हो जाएगी।

डीलर की शिकायत कैसे करें?

अगर किसी डीलर द्वारा राशन वितरण में गड़बड़ी की जाती है जैसे कि राशन कम दिया जाता है या बेचा जाता है तो उसकी शिकायत भी की जा सकती है। इसके लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। आप अपने गांव या जिले की राशन प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत फोन कॉल या ऑनलाइन कर सकते हैं।

डीलर की गड़बड़ी की शिकायत करने के लिए आप अपने राज्य की खाद्य और आपूर्ति विभाग की वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं या दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

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